बाबा जयगुरुदेव आश्रम में धर्म, कर्म और आध्यात्म का महाकुंभ

  • सन्तों का सम्बंध शरीर से नहीं जीवात्मा से होता है-सन्त उमाकान्त जी महाराज 

देश-दुनियां में शाकाहार,सदाचार,नशा मुक्ति,शराब बंदी के साथ-साथ कलयुग में सतयुग के आगमन का आह्वान करने वाले उज्जैन के पूज्य संत बाबा उमाकान्त जी महाराज द्वारा बाबा जयगुरुदेव जी के दशम वार्षिक भंडारे का अवसर पर मौजूद भक्तों के विशाल जनसमूह को सतसंग सुनाते हुए बताया कि जिस मृत्यु लोक में आप लोग रहते है ये काल भगवान का देश है। काल भगवान किसे कहते है जो पल भर में सृष्टि बनादे और मिटा दे।

इन्होंने सतपुरुष की तपस्या कर उन्हें प्रसन्न करके उनके जैसा राज मांगा। तो ये जितने भी देवी-देवता है सब उन्ही के माताहत है और जीवात्मा यहाँ आकर भूल गई। जब कर्म ख़राब होने से जीव नार्को में तकलीफ, सज़ा पाकर प्रभु को याद करने तलगे तब सतपुरुष ने सन्तों को मनुष्य शरीर मे मृत्यु लोक भेजा। काल परमार्थ के काम मे बहुत रुकावट डालता है लेकिन जब दयाल, गुरु के काम लिए निकलते है तब यह बाधक नहीं बनता, बल्कि गुरु आदेश में चलने वालों के लिए दयाल के समान मददगार हो जाता है।

आप भाग्यशाली हो जिन्हें ये नरतन मिला

महाराज जी ने अपने सन्देश में कहा कि माया और भक्ति कभी एक साथ नहीं रह सकते,दुनियां की चीजें परमार्थ में बाधक बनती है इसीलिए प्रेमियों ने प्रभु से मांगा की "साध संग मोहे देव नित परम् गुरु दातार"  तो दयाल जब अपनी शक्ति भेजते है तो जीव खिंचता हुआ चला आता है। तो आप भाग्यशाली हो जिसे यह नरतन मिला। देवता भी तरसते है इस मनुष्य शरीर को पाने के लिए।

हम किसी को साधु नहीं बनाते

नामदान की महिमा समझाते हुए महाराज जी ने बताया ये ईश्वर प्राप्ति का सबसे सरल सहज योग है। हम किसी को साधु नहीं बनाते ना ही किसी का घर छुड़वाते है। कोई किसी भी धर्म का हो,मज़हब  का हो,जाती का, हम तो केवल आपकी जीवात्मा को देखते है। महात्मा का सबंध आत्मा से होता है,शरीर से नहीं।

मुसीबत में मददगार जयगुरुदेव नाम 

जयगुरुदेव नाम की महिमा को सुनाते हुए महारजजी ने बताया कि जयगुरुदेव नाम किसी भी शाकाहारी, सदाचारी व्यक्ति के लिए तकलीफ, मुसीबत में मददगार है। उसी तरह ये जयगुरुदेव नाम आप किसी को बताकर फायदा बता सकते है फायदा दिला सकते हो।

दुबई के शेख़, मॉरीशस के कैबिनेट मंत्री समेत 13 देशों से आये भक्त लेने नामदान

इस तीन दिवसीय तपस्वी भंडारे में ना केवल भारत के कोने-कोने से भक्तगण शामिल हुए है बल्कि अमेरिका, अज़रबैजान, साउथ अफ्रीका, ब्रिटेन, श्रीलंका समेत 13 देशों से लोग पधारे है। जिनमे विशेष रूप से दुबई से पधारे हर्फ शेख साहब, मॉरीशस से केबिनेट मंत्री एवम नेपाल से सांसद भी पधारी है। महाराज जी के दर्शन के लिए प्रदेश के शिक्षा मंत्री मोहन भी सतसंग में पधारे।

गुरु पूजन आरंभ

महाराज जी द्वारा सतसंग, नामदान एवं दर्शनों के पश्चात रात्रि में गुरु पूजन किया गया जिसके उपरांत भक्तों ने कतारबद्ध होकर मंदिर पर पूजन करना शुरू कर दिया। 28 मई की शाम को महाराज जी के सतसंग के पश्चात इस तपस्वी भंडारे का विधिवत समापन होगा।

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